आज से पितृपक्ष शुरू, जानें श्राद्ध का सही समय और तिथियां

धर्म - कर्म

पितृपक्ष यानी श्राद्ध आज से शुरू हो रहे हैं। पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से श्राद्ध की शुरुआत होती है। पितृपक्ष में पितरों की पूजा, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इस बार श्राद्ध 16 दिन का है। 

ज्योतिष प्रभाकर डॉ राकेश व्यास ने बताया कि इस साल पितृ पक्ष आज 10 सितंबर दिन शनिवार से प्रारंभ हो रहा है, इसका समापन 25 सितंबर को होगा। 

श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन करवाते समय परोसने के बर्तन दोनों हाथों से पकड़कर लाने चाहिए। दुर्घटना, आत्महत्या या शस्त्र आदि से मारे गए का श्राद्ध चतुर्दशी को करना चाहिए।

पितृपक्ष में पूर्वजों को चना, चने की दाल, चने का सत्तू, चने की मिठाई चने से बने खाद्य पदार्थों को नहीं खिलाना चाहिए। इसलिए श्राद्ध के महीने में चने का सेवन नहीं करना चाहिए। आलू, शकरकंद, मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी। इन सारी तरह की सब्जियों को पितृपक्ष में नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही इन सब्जियों का भोग भी नहीं लगाना चाहिए और ना ही श्राद्धभोज में इसे किसी ब्राह्मण को खिलाना चाहिए। 

ऐसी मान्यता है कि  पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। सुबह 11.30 से 12.30 तक का समय आदर्श समय  माना गया है। तर्पण और श्राद्ध सूर्य ढलने के बाद नहीं होता।

पितृ पक्ष में श्राद्ध 2022 की तिथियां10 सितंबर    पूर्णिमा का श्राद्ध11 सितंबर    प्रतिपदा का श्राद्ध12 सितंबर    द्वितीया का श्राद्ध12 सितंबर    तृतीया का श्राद्ध13 सितंबर    चतुर्थी का श्राद्ध14 सितंबर    पंचमी का श्राद्ध15 सितंबर    षष्ठी का श्राद्ध16 सितंबर    सप्तमी का श्राद्ध18 सितंबर    अष्टमी का श्राद्ध19 सितंबर    नवमी श्राद्ध20 सितंबर    दशमी का श्राद्ध21 सितंबर    एकादशी का श्राद्ध22 सितंबर    द्वादशी/संन्यासियों का श्राद्ध23 सितंबर    त्रयोदशी का श्राद्ध24 सितंबर    चतुर्दशी का श्राद्ध25 सितंबर    अमावस्या का श्राद्ध

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