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Rajasthan CM – राजस्थान में किसके सिर बंधेगा सीएम का सेहरा, ये नाम है रेस में

राजस्थान

Rajasthan CM – राजस्थान विधानसभा चुनाव में रिवाज कायम रहा और भाजपा को 115 सीटों के साथ बहुमत मिला। कांग्रेस का खेमा महज 69 सीटों पर ही सिमट गया।

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भाजपा ने जीत तो हासिल कर ली पर जीत का सेहरा किस के सिर बांधा जाएगा इसकी घोषणा अभी तक नहीं की है। ऐसे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

हालांकि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, यूपी में योगी आदित्यनाथ ,असम में हिमंत बिस्व सरमा या उत्तराखंड में पुष्कर धामी को सीएम बनाए जाने से पहले किसी को ये पता नहीं था कि कुर्सी उन्हें दी जा रही है। इसी तरह राजस्थान में सीएम (Rajasthan CM) कौन होगा यह तो समय ही बताएगा।

Rajasthan CM की रेस में 1-2 नहीं 6-7 नाम शामिल हैं। 2018 में राजस्थान में नारा दिया गया था – मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खेर नहीं।

जिसके बाद विधान सभा में भाजपा को राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा पर लोकसभा में 25 की 25 सीटें भाजपा ने जीती।

हालांकि 5 साल पहले के इस नारे के बाद भी सीएम रेस मे वसुंधरा राजे शामिल हैं।

Rajasthan CM में जयपुर के शाही परिवार की सदस्य दीया कुमारी का नाम भी है। दिया कुमारी साल 2013 में जयपुर में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुईं थी।

दिया कुमारी ने 2013 में सवाई माधोपुर से बागी किरोड़ीलाल मीणा को हराया। दिया कुमारी ने साल 2019 के आम चुनाव में लगभग 70% (5,51,916 वोट) के भारी जीत अंतर के साथ राजस्थान के राजसमंद निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की थी।

‘जयपुर की बेटी’ लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है और अपनी शाही विरासत को एक साधारण व्यक्तित्व के साथ के लिए जानी जाती है।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी Rajasthan CM की रेस में शामिल हैं। राजस्थान की हॉट सीट कही जाने वाली जोधपुर लोकसभा सीट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्र में कांग्रेस को पटखनी देने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं।

केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद राज्य राजनीती में उनकी सक्रियता उनकी महत्वकांक्षाओं को भी दिखाती है।

तिजारा सीट से जीतने वाले बाबा बालकनाथ इस समय Rajasthan CM की रेस में सबसे आगे माने जा रहें हैं। शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के बाहर नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया के सामने बाबा बालकनाथ से भेंट की और यह तक कह दिया कि राजस्थान के अगले सीएम यही हैं।

रोहतक स्थित अस्थल बोहर नाथ आश्रम के महंत बाबा बालकनाथ को यहां उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह देखा जा रहा है।

लिस्ट में अगला नाम कोटा से सांसद ओम बिरला का है जिन्होंने बतौर लोकसभा अध्यक्ष शानदार काम किया है। हालांकि राजस्थान में वसुंधरा राजे और उनके रिश्ते अच्छे नही माने जाते हैं।

राजस्थान की सियासत में जाट बनाम राजपूत की स्थिति को रोकने के लिए ओम बिरला के नाम पर विचार किया जा सकता है।

अगला नाम आता है अर्जुनराम मेघवाल का। जिनको बीजेपी दलित चेहरे के रूप में आगे कर सकती है। केंद्रीय मंत्री मेघवाल बीकानेर के सांसद हैं और पीएम मोदी के भरोसमंद माने जाते हैं पिछले दिनों उनको कानून मंत्रालय की बागडोर भी सौंपी गई थी।

भाजपा के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा भी इस रेस में है। मीणा को मीणा समुदाय पर जीत हासिल करने के काम के साथ राजस्थान की चुनावी लड़ाई में उतारा गया था।

पूर्वी राजस्थान में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि मीणा पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। ‘बाबा’ के नाम से लोकप्रिय किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे हैं।

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। 48 वर्षीय जोशी को मार्च की शुरुआत में राज्य इकाई का प्रभार सौंपा गया था। 

इनके अलावा एक नाम और है जो शायद ज्यादा चर्चा में नही है लेकिन इस नाम पर पार्टी भी कहीं न कहीं विचार कर रही है और वो नाम है ओम माथुर का।

ओम प्रकाश माथुर भारतीय जनता पार्टी के दिग्‍गज नेता हैं। एक नाम और है जो चर्चा से दूर है महंत प्रताप पूरी का।

पोखरण सीट से भाजपा के महंत प्रताप पुरी ने कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार सालेह मोहम्मद को हराया है। सालेह मोहम्मद अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री भी थे।

महंत प्रताप पुरी को इस सीट पर 1,12,925 वोट मिले और उन्होंने 35,427 वोटों के अंतर से सालेह को हराया

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