राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एवरेस्ट विजेता पद्मश्री संतोष यादव को अपना विजयादशमी समारोह का मुख्य अतिथि बनाया। यह पहला मौका है जब आरएसएस ने किसी महिला को अपने दशहरा कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया है।
संतोष यादव ने सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने नागपुर के आरएसएस मुख्यालय में परंपरागत शस्त्र पूजा की है। सरसंघचालक ने अपने संबोधन में कहा कि हम कौन हैं, हमारी आत्मा क्या है, इसकी स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। अगर हमें यह जानकारी होगी तो हमें प्रगति का रास्ता साफ-साफ दिखेगा।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या पर एक समग्र नीति बने, सब पर समान रूप से लागू हो, किसी को छूट नहीं मिले, ऐसी नीति लानी चाहिए। 70 करोड़ से ज्यादा युवा हैं हमारे देश में। चीन को जब लगा कि जनसंख्या बोझ बन रही है तो उसने रोक लगा दी। हमारे समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा। नौकरी-चाकरी में भी अकेली सरकार और प्रशासन कितना रोजगार बढ़ा सकती है?
कोरोना से विपदा से बाहर आने के बाद हमारी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रास्ते पर आ रही है और वो आगे जाएगी, इसकी भविष्यवाणी पूरी दुनिया के विशेषज्ञ कर रहे हैं। खेल क्षेत्र में भी बहुत सुधार हुआ है। खिलाड़ियों के प्रदर्शन से हमारा सीना गौरव से फूल जाता है। हमें प्रगति करनी है तो स्वयं को जानना होगा। हमें परिस्थितियों के अनुकूल लचीला होना पड़ता है। हालांकि, हम ये देखना होगा कि कितना लचीला होना और किन परिस्थितियों में होना है। अगर वक्त की मांग के अनुसार खुद को नहीं बदलेंगे तो यह हमारी प्रगति का बड़ा बाधक साबित होगा।