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SC on Quota Within Quota – कोटा के अंदर कोटा को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, कहा- SC-ST के लिए बना सकते हैं सब-कैटेगरी

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SC on Quota Within Quota – SC-ST श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण (कोटे के अंदर कोटा) की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुना दिया है।

SC on Quota Within Quota

कोर्ट ने राज्यों को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में उप-वर्गीकरण की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने 6-1 से फैसला दिया। CJI डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस बी आर गवई, विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा पीठ में शामिल हैं।

CJI ने कहा कि 6 राय एकमत हैं, जबकि जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने असहमति जताई। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में ऐतिहासिक साक्ष्यों का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियां एक सजातीय वर्ग नहीं हैं। उप-वर्गीकरण संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत निहित समानता के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता है।

साथ ही उप-वर्गीकरण संविधान के अनुच्छेद 341(2) का उल्लंघन नहीं करता है। अनुच्छेद 15 और 16 में ऐसा कुछ भी नहीं है जो राज्य को किसी जाति को उप-वर्गीकृत करने से रोकता हो।

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