rahul gandhi defamation case

आपदा में अवसर – सदस्यता रद्द होने के बाद क्या इंदिरा गांधी की तरह वापसी कर पाएंगे राहुल गांधी

विचार मंच

मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा के फैसले के बाद आज उनकी संसद सदस्यता रद्द (Rahul Gandhi disqualified) कर दी गई है। राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं। यह फैसला राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए धक्का है लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है कि गांधी परिवार के किसी सदस्य की सदस्यता रद्द हुई हो। राहुल गांधी की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (indira gandhi disqualified) की सदस्यता भी रद्द हुई थी और यह तब हुआ था जब वे पीएम थी।

indira gandhi disqualified

मामले की शुरुआत हुई 1971 में इंदिरा गांधी की जीत से

1971 में हुए चुनाव में इंदिरा गांधी को जबरदस्त जीत मिली थी। उन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजनारायण को हराया था। इस चुनाव में राजनारायण अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे लेकिन नतीजों में एक लाख से ज्यादा वोटों से राजनारायण की हार हुई। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे राजनारायण (Indira Gandhi vs Raj Narain)

रायबरेली में इंदिरा गांधी से हार के बाद राजनारायण (Indira Gandhi vs Raj Narain) इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे। इंदिरा गांधी पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग सहित कई आरोप लगाते हुए राजनारायण ने मामला किया था। इलाहाबाद कोर्ट के बाकी मामलों में तो इंदिरा गांधी को राहत मिली लेकिन एक आरोप में उन्हें दोषी पाया गया।

सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग

12 जून को इलाहाबाद कोर्ट ने इंदिरा गांधी को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप में दोषी पाया और जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को खारिज किया और उनके चुनाव लड़ने पर 6 साल तक रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत

 पूरे मामले के बाद इंदिरा गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जस्टिस कृष्णन अय्यर ने 24 जून 1975 को आंशिक राहत देते हुए उन्हें पीएम पद पर बने रहने की अनुमति दी लेकिन संसद में मतदान करने पर रोक लगा दी।

अगले दिन Emergency 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष ने नैतिक तौर पर इंदिरा गांधी के इस्तीफे की मांग तेज कर दी। इसके बाद 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने आपातकाल (emergency) की घोषणा कर दी।

इमरजेंसी के बाद कांग्रेस की हार

1977 में आपातकाल के बाद जब चुनाव हुए तो इंदिरा गांधी और कांग्रेस की हार हुई। कांग्रेस 154 सीटों पर   सिमट गई और कई राज्यों में उसका सूपड़ा साफ हो गया। 

1978 में उपचुनाव में जीतकर संसद में वापसी और फिर सदस्यता रद्द

इंदिरा गांधी ने 1978 में चिकमंगलूर में हुए उपचुनाव से पर्चा भरा  कर्नाटक में उनकी पार्टी की सरकार थी। इंदिरा गांधी यहां से 60 हजार से ज्यादा वोटों से जीत कर वापस पहुंची। इसके बाद उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश होने पर सदस्य्ता रद्द हो गई।

1980 में दमदार वापसी

सदस्यता रद्द होने, चुनाव में जीतकर वापस आने और फिर सदस्यता रद्द होने के बाद 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने धमाकेदार वापसी करते हुए 529 में से 363 सीटें जीती।

 राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने से कुछ बदलेगा?

इंदिरा गांधी की सदस्यता रद्द होने, पार्टी की हार के बाद वापसी करने और बड़ी जीत हासिल करने की राह पर क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ेगी? हालांकि तब और अब कि कांग्रेस और सत्ताधारी पार्टी में बहुत फर्क है। लेकिन क्या राहुल गांधी अपनी राजनीतिक कैरियर की लड़ाई इस हद तक जारी रख पाएंगे कि वह खुद के साथ कांग्रेस की वापसी करा पाए।

विपक्षी एकता को मिलेगा बल

राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्षी एकता (opposition) को बल मिल सकता है ऐसा इसलिए है क्योंकि विपक्षी एकता के बीच में राहुल गांधी कहीं ना कहीं पीएम पद के लिए सामने आ रहे थे और विपक्ष इसमें शायद एकमत नहीं था। अब जब उनकी सदस्यता रद्द है तो शायद विपक्ष एकजुट हो।

सदस्यता रद्द होने पर विपक्षी नेताओं ने किया विरोध

इसी कड़ी में तमाम विपक्षी दलों ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने का विरोध किया। अब देखना होगा कि क्या राहुल गांधी और कांग्रेस इसे आपदा में अवसर बनाते हुए वापसी करते हैं या बिना राहुल गांधी के चेहरे के कांग्रेस युक्त विपक्ष एकजुट होकर 2024 (2024 loksabha election) में एनडीए के खिलाफ लड़ने के मुद्दे पर सहमत हो पाता है।

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