
Picture: Calcutta University website
कोलकाता। कुलपति सोनाली चक्रवर्ती ने स्पष्ट कर दिया है कि छात्रों के आंदोलन के सामने विश्वविद्यालय प्रबंधन झुकने वाला नहीं है और 60 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों को किसी भी सूरत में परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।
कुलपति सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान समिति (यूजीसी) के नियमों के अनुसार 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाना चाहिए, लेकिन पश्चिम बंगाल में इस नियम को दरकिनार कर छात्रों को छूट दी गई है और केवल 60 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य बनाया गया है। बावजूद इसके छात्र इतनी भी उपस्थिति दर्ज नहीं कराते हैं और अब परीक्षा में बैठने देने की मांग कर रहे हैं, इसे नहीं माना जाएगा। तय मानक से कम उपस्थिति वाले किसी भी छात्र को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले दस दिनों से कोलकाता के बेहला, सेंट पॉल्स, हेरंम्बचंद्र, सर गुरुदास महाविद्यालय, शिवनाथ शास्त्री और अन्य कॉलेजों के छात्र-छात्राएं परीक्षा में बैठने देने की मांग पर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। तृणमूल छात्र परिषद के अध्यक्ष तृणांकुर भट्टाचार्य ने शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी से अनुरोध किया है कि वह कम उपस्थिति वाले छात्रों को भी परीक्षा में बैठने की अनुमति देने संबंधी निर्देश जारी करें, लेकिन शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि नियम को किसी भी सूरत में नहीं तोड़ा जाएगा। लिहाजा, अब कलकत्ता विश्वविद्यालय की ओर से भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 60 फीसदी से कम उपस्थिति वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
