Acharya Vidyasagar

Acharya Vidyasagar ने ली समाधि, चन्द्रगिरि तीर्थ में 3 दिन उपवास के बाद देह त्यागा

देश

Acharya Vidyasagar – डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार देर रात 2:35 बजे विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया।

Acharya vidyasagar maharaj samadhi

Acharya vidyasagar – तीन दिन के उपवास और अखंड मौन के बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। वह आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे।

जब आचार्य ज्ञानसागर ने समाधि ली थी तब उन्होंने अपना आचार्य पद मुनि विद्यासागर को सौंप दिया था।

ऐसे में मुनि विद्यासागर महज 26 वर्ष की उम्र में ही 22 नवंबर 1972 में आचार्य हो गए थे। ठीक इसी तरह आचार्य विद्यासागर महाराज ने भी पहले ही अपने आचार्य पद का त्याग किया और अपना आचार्य पद उनके पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समयसागर को सौंप दिया।

पीएम मोदी ने X पर लिखा मेरे विचार और प्रार्थनाएँ आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के अनगिनत भक्तों के साथ हैं।

आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी, विशेषकर लोगों में आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए।

मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ।

मैं पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता।

उस समय मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था

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