नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अप्रैल को 9:00 बजे से 9:09 बजे के बीच स्वेच्छा से घरों की सारी लाइट बंद करने की अपील की है। इसके बाद कुछ लोगों ने ऐसी आशंका व्यक्त की थी कि इससे ग्रिड और वोल्टेज में के कारण ग्रिड प्रभावित हो सकते हैं, जिससे बिजली के उपकरणों को नुकसान भी हो सकता है।
विद्युत मंत्रालय ने शनिवार को ऐसी किसी भी आशंका को खारिज कर दिया। विद्युत मंत्रालय ने शनिवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि ऐसी आशंकाएं निराधार हैं कि प्रधानमंत्री की अपील के दौरान ग्रिड और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की अस्थिरता हो सकती है। विद्युत मंत्रालय ने कहा कि आपदा के समय भी उतार-चढ़ाव की समस्या से ग्रिड दो चार होती है लेकिन इसकी स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाता है। वैसे विद्युत विभाग का पूरा अमला इस बारे में पहले ही सक्रिय हो गया है।
विद्युत मंत्रालय की ओर से जारी आंकडों की मानें तो बीते दो अप्रैल को विद्युत की मांग 25 प्रतिशत घटकर 1,25,810 मेगावाट रह गई थी, जो गत वर्ष की समान अवधि के दौरान 1,68,320 मेगावाट थी।
सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) की विद्युत वितरण कंपनी पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन प्रधानमंत्री मोदी की विद्युत बंदी की अपील को देखते हुए ग्रिड की स्थिरता को लेकर पहले से ही सक्रिय है। उसने पहले ही किसी प्रकार की समस्या नहीं आने का भरोसा दिया है।
जानकारी के अनुसार खुद केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन सहित अन्य संबंधित पक्षों के साथ इस मसले पर बातचीत की है। जिसके बाद अब सरकार का बयान सामने आया है।