Bhadra kya hota hai और हिंदू धर्म में Bhadra kaal या भद्रा मुहूर्त को अनुकूल क्यों नहीं माना जाता है इसके बारे में हम आज जानेंगे। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त पर ही कार्य करने का विधान है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य संपन्न और सफल होते हैं। । इसलिए भद्रा काल में शुभ-मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। राखी भी भद्राकाल में नहीं बांधी जाती है।
Bhadra kya hota hai – जानें भद्रा को क्यों माना जाता है अशुभ
हिंदू धर्म में शुभ-मांगलिक कार्य करते समय Bhadra kaal का विशेष ध्यान रखा जाता है। धार्मिक दृष्टि से भद्रा भगवान शनि देव की बहन और सूर्य देव की पुत्री हैं। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि भद्रा का स्वभाव क्रोधित व गुस्सैल है।

जन्म लेने के साथ ही वह मंगल कार्यों में बाधा डालने लगी और यज्ञों को नष्ट करने लगी। भद्रा के स्वभाव के कारण ब्रह्मा जी ने भद्रा के स्वाभाव को नियंत्रण करने के लिए भद्रा को पंचांग के विशिष्ट समय का एक भाग दिया।
क्यों वर्जित है भद्रा में शुभ कार्य
भद्रा काल में किए गए कार्य में अनहोनी की संभावना होती है। इसलिए भद्रा काल में मुंडन, गृह प्रवेश, वैवाहिक कार्यक्रम, पूजा-अनुष्ठान आदि जैसे कार्य अशुभ माने जाते हैं।
