ध्यान योग द्वारा अपने स्वरूप में स्थित हो सकते है – योगाचार्य राजेश व्यास

सामाजिक

सनलाइट। ध्यान योग द्वारा अपने स्वरूप में स्थित हो सकते है तथा ध्यान द्वारा हम सहजता से आध्यात्मिक, शारिरिक एवं मानसिक लाभ ले सकते हैं। यह बातें योगाचार्य राजेश व्यास ने कही।

 

श्री कृष्ण योग ट्रस्ट द्वारा आधिकारिक फेसबुक पेज पर ध्यान योग के लाइव कार्यक्रम में योगाचार्य राजेश ने गीता के 7वें अध्याय के सातवें श्लोक की व्याख्या करते हुए कहा कि पूरा संसार ही योगेश्वर श्री कृष्ण में सूत के धागे में सूत के मनकों की तरह ओत प्रोत है। जड़ चेतन सब मे वही समाया है।

 

इसे वैज्ञानिक तरीके से परिभाषित किया कि कैसे खनिज से शुरू कर वनस्पति, पशु एवं इंसान आदि में क्रमशः प्राण तत्व मुखर एवम जड़त्व गौण होता चला जाता है। यही सार्थक करता है इस कथन को – सिया राम मय सब जग जानी। जब हमारी दृष्टि में समग्रता आ जाती है तो फिर सर्वत्र परमात्मा का दर्शन होने लगता है।

 

ॐ के उच्चारण से शुरू कर ध्यान योग वर्चुअल कार्यक्रम में योगाचार्य राजेश ने नाड़ियों की जानकारी देते हुए ध्यान लगाने के आसान और सहज तरीके बताए।

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