रेस्टोरेंट में वसूले जाने वाले को लेकर बड़ी खबर है। अब सर्विस चार्ज किसी दूसरे नाम से नहीं वसूला जा सकेगा। साथ ही ग्राहक को बताना होगा यह पूरी तरह से वैकल्पिक है। सर्विस चार्ज को खाने के बिल में नहीं जोड़ा जा सकेगा और इस पर जीएसटी नहीं लिया जा सकेगा। सर्विस चार्ज को लेकर अभी हाल में विवाद जैसी स्थिति सामने आई थी।
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग (DOCA) ने पहले नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के साथ हुई बैठक में सर्विस चार्ज न वसूलने को कहा है। दरअसल, देशभर के रेस्टोरेंट में ग्राहकों से खाने-पीने के बिल में सर्विस चार्ज जोड़कर मांगा जाता है। सरकार ने इस सर्विस चार्ज को गलत मानते हुए इसे न वसूलने का निर्देश दिया था। अब सरकार जल्द ही इस पर नियम लाई है।
अगर कोई होटल या रेस्टोरेंट जबरदस्ती अपने ग्राहकों से सर्विस चार्ज मांगता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सर्विस चार्ज का नाम बदल कर भी ग्राहकों से पैसा लिया जाना गैरकानूनी होगा। CCPA की ओर से जारी इन गाइडलाइंस के अनुसार होटल या रेस्टोरेंट अब अपने खाने के बिल में स्वचालित रूप से या डिफाल्ट रूप से सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकेंगे। ग्राहक चाहे तो सेवा शुल्क दे सकते हैं। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर निर्भर करेगा।
