भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग की महिला एवं प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के खिलाफ अपमानजनक बयान के विरोध में भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। कमलनाथ ने उन्हें एक दिन पहले ‘आइटम’ कहकर संबोधित किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेता कमलनाथ के बयान के विरोध में सोमवार को मौन उपवास पर बैठ गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार सुबह मिंटो हाल परिसर पहुंचे और गांधी प्रतिमा के सामने मौन उपवास पर बैठ गए। वे यहां दो घंटे मौन उपवास करेंगे। उनके साथ गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग समेत अन्य पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हैं। मौन उपवास पर बैठने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि – ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।’ जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवताओं का वास होता है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कल एक महिला के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उससे मैं आहत हूँ, शर्मिंदा हूँ। आज बापू के चरणों में उनके लिए प्रायश्चित करने हेतु बैठा हूँ।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ के कारण पूरे देश में आज मध्यप्रदेश की बदनामी हुई है! कमलनाथ जी भले ही बहुत बड़े सेठ और उद्योगपति होंगे लेकिन क्या इससे उन्हें महिलाओं को अपमानित करने की अनुमति मिल गई है? मैं कांग्रेस की महिला नेताओं से भी पूछना चाहता हूँ, क्या वे अपने नेता कमलनाथ जी के शब्दों का पूर्णत: समर्थन करती हैं?
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के साथ वरिष्ठ नेता प्रभात झा, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, सांसद रीति पाठक और प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ग्वालियर में और वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसीराम सिलावट समेत अन्य नेता इंदौर में मौन उपवास पर बैठे हैं।
