Mamata Banerjee द्वारा लिखी गई दूसरी चिट्ठी का भी जवाब केंद्र सरकार ने दे दिया है। केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सीएम ममता बनर्जी की चिट्ठी का जवाब देते हुए इसमें मौजूद जानकारी को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है।
Mamata Banerjee
उन्होंने कहा कि इस चिट्ठी का मकसद देरी पर पर्दा डालना है। उन्होंने इसमें लिखा कि राज्य सरकार को भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम को पूरी तरह लागू करना चाहिए।
बलात्कार जैसे मामलों को तय समय में निपटाने और फांसी की सजा का प्रावधान पहले से ही इसमें है। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है।
अन्नपूर्णा देवी ने लिखा, “इस संबंध में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है। यह राज्य द्वारा फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) के संचालन में देरी को कवर करने की दिशा में एक कदम प्रतीत होता है।”
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट और विशेष पॉक्सो कोर्ट की स्थिति को लेकर जो आपने पत्र में लिखा है, उसके बारे में मैं उल्लेख कर सकती हूं कि कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 फास्ट ट्रैक की स्थापना की है। यह केंद्र सरकार की योजना के तहत कवर फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के समान नहीं हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “पश्चिम बंगाल में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSC को चालू नहीं किया है।
यह राज्य की आवश्यकता के अनुसार विशेष POCSO न्यायालय या बलात्कार और POCSO दोनों मामलों से निपटने वाले संयुक्त FTSC हो सकते हैं।
जैसा कि देखा जा सकता है इस संबंध में आपके पत्र में निहित जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है और ऐसा लगता है कि यह राज्य द्वारा FTSC को चालू करने में देरी पर पर्दा डालने की दिशा में एक कदम है।”