सनलाइट, कोलकाता। दुर्गोत्सव आयोजन के 75 वें वर्ष में Ultadanga Pallyshree का पूजा पण्डाल प्रायः लुप्त होते जुट को बाजार में दोबारा लाने की कवायद करता दिख रहा है।
Ultadanga Pallyshree
पूजा कमिटी सदस्य इवान साहा ने बताया कि जुट को उसकी पुरानी ख्याति देने की कोशिश की है।
उन्होंने बताया कि पूजा सम्पन्न होने के बाद नदी में प्रतिमा विसर्जित करने से किसी तरह का प्रदूषण न हो इसके लिए मूर्ति को ऑर्गेनिक रंग से रँगा गया है।
