रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को कड़े और स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पूर्वी लद्दाख में तनाव का एकमात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रमक रवैया है और ऐसा चलता रहा तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। भारत सीमा प्रबंधन के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और निभाता रहेगा लेकिन अपनी संप्रभुता और अखंडता से कभी कोई समझौता नहीं करेगा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में रूस की राजधानी मॉस्को में हिस्सा लेने गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की शुक्रवार देर रात चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही से अलग मुलाकात हुई। दोनों रक्षामंत्रियों के बीच यह बैठक 2 घंटे 20 मिनट चली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों में भारत-चीन सीमा क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। राजनाथ सिंह ने जोर देकर चीनी रक्षा मंत्री से कहा कि बड़ी संख्या में एकत्र होकर की गई चीनी सैनिकों की कार्रवाई और एलएसी की एकतरफा यथास्थिति को बदलने का प्रयास द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन था।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार रुख अपनाया है। इसके बावजूद भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के हमारे संकल्प के बारे में भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों के आगे के विकास के लिए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और शांति कायम करना आवश्यक है और दोनों पक्षों के मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए।
