कार्तिक मास की अमावस्या 25 अक्टूबर को है। इस दिन सूर्यग्रहण है। दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को होने वाला खण्डग्रास सूर्यग्रहण 16:47 से 18:23 बजे तक रहेगा। यह भारत में दृश्य होगा और ग्रस्तास्त होगा अर्थात् ग्रहण की समाप्ति से पूर्व ही सूर्य अस्त हो जाएगा। भारत में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह तथा उत्तर पूर्व के कुछ क्षेत्रों (इम्फाल, ईटानगर, डिब्रूगढ़, कोहिमा, सिलचर आदि) को छोड़कर प्राय: पूरे भारत में यह दिखाई देगा।
ज्योतिष प्रभाकर डॉ राकेश व्यास ने बताया कि यह ग्रहण 16:47 बजे से दिखाई देगा, इसका सूतककाल प्रात: 04:47 बजे से आरम्भ होगा। चूँकि यह ग्रहण ग्रस्तास्त है। इसलिए सूर्यास्त तक ही इसका पर्वकाल माना जाएगा।ज्योतिष प्रभाकर डॉ राकेश व्यास ने बताया कि कोलकाता में सूर्यास्त 17:04 बजे होगा स्नान, पूजा आदि सूर्यास्त के बाद किए जा सकेंगे, परन्तु भोजन आदि का ग्रहण अगले दिन सूर्योदय के पश्चात् किए जाने का विधान है।
सूर्यग्रहण तुला राशि एवं स्वाती नक्षत्र में घटित हो रहा है। फलत: इस राशि एवं नक्षत्र वालों के लिए यह ग्रहण अधिक अशुभ फलप्रद रहेगा। इसके अतिरिक्त मेष, मिथुन, कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुम्भ एवं मीन राशि वाले जातकों के लिए भी यह ग्रहण शुभ नहीं है।