प्रधानमंत्री मोदी ने किया मॉरीशस के सुप्रीम कोर्ट के नए भवन का उद्घाटन

विदेश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जुगनाथ ने गुरुवार को मॉरीशस के नए सुप्रीम कोर्ट भवन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। उद्घाटन मॉरीशस के न्यायपालिका के वरिष्ठ सदस्यों और दोनों देशों के अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया गया। भवन का निर्माण भारतीय सहायता से किया गया है। यह पोर्ट लुइस की राजधानी के भीतर प्रथम भारतीय सहायता से बनी बुनियादी ढांचा परियोजना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि महात्मा गांधी कहा करते थे कि उनकी राष्ट्रभक्ति में सारी मानव जाति के भले की कामना समाई हुई है। भारत की सेवा करने का उनका अर्थ असल में मानवता की सेवा करना है। भारत भी उन्हीं की सोच के अनुरुप खुद का विकास करने के साथ अन्य देशों को विकास में सहयोग देना चाहता है। भारत दूसरे देशों की सहायता करते समय अपने राजनीतिक और आर्थिक लाभ नहीं देखता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव की आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने का विकास का मार्ग पर्यावरण के खिलाफ नहीं होना चाहिए। इसी क्रम में भारत ने अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस की शुरुआत की। साथ ही आपदा से निपटने के लिए मजबूत ढांचागत परियोजनाओं को विकसित करने में भारत अन्य देशों की सहायता कर रहा है।
मॉरीशस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश भारत के हिन्द महासागर क्षेत्र से जुड़ी सोच के केन्द्र में है। साथ ही विकास से जुड़े सहयोग में भी मॉरीशस भारत की सोच के केन्द्र में ही है। भारत और मॉरीशस का पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंध है। भारत मॉरीशस मैत्री लम्बे समय तक कायम रहे, ऐसी वह कामना करते हैं।
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार नई सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग परियोजना 2016 में भारत सरकार द्वारा मॉरिशस में 353 मिलियन अमरीकी डालर के ‘विशेष आर्थिक पैकेज’ के तहत कार्यान्वित पांच परियोजनाओं में से एक है। यह परियोजना निर्धारित समय के भीतर और अपेक्षित लागत से कम में पूरी हुई है। इमारत 4700 वर्गमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैली हुई है जिसमें 10 मंजिल और लगभग 25,000 वर्गमीटर का निर्मित क्षेत्र है। इमारत थर्मल और ध्वनि इन्सुलेशन और उच्च ऊर्जा दक्षता पर ध्यान देने के साथ एक आधुनिक डिजाइन से बनी है। नई इमारत मॉरीशस के सुप्रीम कोर्ट के सभी डिवीजनों और कार्यालयों को एक छत के नीचे लाएगी जिससे वहां कार्यदक्षता में सुधार होगा।
भारत की सहायता से मॉरीशस में उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के समय पर पूरा होने से मॉरीशस और इस क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के लिए अधिक अवसर पैदा होंगे। नई सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी का प्रतीक बनेगी।
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